सुना था, जीवन की शुरुआत जन्म से होती है, पर किस जन्म से जो पहले बीत गया, या जो आनेवाला है... इसी कश्मकश मे जी रही सीमा,,,,, इस दुनिया मे खुद क़ो अकेला मानती है, लोग तो भरे थे उसके इर्द गिर्द बस हर कोई हर किसी क़ो समझ पाए सायद ये मुमकिन नहीँ..... सीमा सामान्य जीवन जीने वाली साधारण सि लड़की कई साल पहले अपने पिता के जाने के बाद वैसा प्यार दुलार संरक्षण दोबारा उसे महसूस नहीँ हुआ, एक बार वह एक ऐसे इंसान से मिली जिसने उसके कई सवालों के जवाब ढूंढने मे उसकी मदद की.... वह थे उसके क्लास टीचर मिस्टर राजेश कुमार.....वैसे साधारण बोली भाषा वाले उसके क्लास टीचर कई सारे विषयो मे अच्छी रूचि रखते थे, तर्क वितर्क मे उन्हें हरा पाना आसान काम नहीँ था..... सीमा उनसे 10 वर्ष पहले अपने विद्यालय मे मिली थी.... कई बार उन्हें ऐसे प्रश्नों का जवाब देता देख सीमा नें अपने अंदर उठरहे प्रश्नों क़ो उनकी सामने रखा,,,,, दरअसल सीमा और राजेश सर एक हीं सफर के यात्री थे......उन्हें भी पानी पिने से पहले थोड़ा जल ज़मीन पर गिराने की आदत थी,,,,, वो तब ऐसा क्यों करते थे सीमा तब नहीँ समझ सकी प्रपने पिता के जाने के बाद काफी ...